Quotes about Family problems in Hindi

- Ruthaaashiq

दो पल ज्यादा क्या ठहरे , छतों की मरम्मत करवा दी... सालों से टप्पकती शिकायत, जैसी मैंने ही बनाई थी..!

- Ruthaaashiq

ये घरमें रहके जाना के असली घर क्या था, कहने को सड़क है मगर,वो भीड़ हि मेरी अपनी थी..!

- Ruthaaashiq

आँखें भी तबतक आँसू जुदा करती हैं, जबतक गम अपने नहीं बनते... एक बार दर्द बस जाए तो, ये आँसु भी घर कर लेते हैं..!

- Ruthaaashiq

बंद सड़कों ने जता दिया, क्या क्या समा लेती थी.... अंजान लोगों के साथ क्या रिश्ता बना लेती थी.... पहुँच आया है सब कुछ घर में सामान, मगर एक अनबुझी सी भूक, रफ्तार में बूझ जाया करती थी...

- Ruthaaashiq

बंद सड़कों ने जता दिया, क्या क्या समा लेती थी.... अंजान लोगों के साथ क्या रिश्ता बना लेती थी.... पहुँच आया है सब कुछ घर में सामान, मगर एक अनबुझी सी भूक, रफ्तार में बूझ जाया करती थी...

- Ruthaaashiq

एक वाटी में से जहाँ घर बसा लिया हमने, एक वाटी की समझ - समझा न सके.... छेद भरते भरते - मैं भर गया, एक बचा छेद - मुझे गिना गए वो हमें..

- Ruthaaashiq

जिस तरह उसने घर की चीज़ें मेरे नाम पर गिनवाईं हैं, मैं जानती हूँ, उससे ज्यादा ये घर मेरा है...

- Ruthaaashiq

पानी पानी सा है- घर का फर्श, पोछा बाहर कहाँ मारने चले...

- Ruthaaashiq

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