थोड़ा मैं चलता हूँ, थोड़ा तू भी चल रे राही,
ये फासलों की दीवार मैं अकेले कैसे तय करूँगा।
- Ruthaaashiq
लोगों से बटकर घरों में बस गए,
अब घरों में बटे है तो कहाँ जाए??
- Ruthaaashiq
ये दीवारों के बीच की बात है या बीच की दीवारों की..
- Ruthaaashiq
बचाव के लिए बांधी है उसने दीवारें इतनी, अब कहता मैं उससे मिला नहीं...
- Ruthaaashiq
घर की दीवारें है सहाब,
ये बहार का कमरा नहीं- जो करतूत छिपाकर चल दोगे...
- Ruthaaashiq
लोगों से मिलकर भी हम लोग समझे नहीं,
हमारी बातों में उसे जहान समज आ गया...
जहान में जीना है हमें, हमारा जहान वो जीती है...
कौन कहता है,माँ तू चार दीवार में रहती है..!
- Ruthaaashiq
दीवारे ऊंची करता गया है तू,
छत और ज़मीन बदलने पे ये कैसा शोर है..
- Ruthaaashiq
ख्वाब महलों का नहीं - एक घर का था,
जिंदगी छत मरम्मत करने में निकले जा रही है...